बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
उत्तर भारतीय परिस्थितियों में धान की संकर एवं उनके अभिभावकीय रेखाओं, सूरजमुखी, टमाटर, बैंगन और फूलगोभी के लिए संकर बीज उत्पादन तकनीक विकसित की गई है। बीज के गुणात्मक लक्षणों जैसे अंकुरण क्षमता, बीज की शक्ति, उगने की क्षमता, स्वास्थ्य तथा भौतिक गुणों को सुधारने हेतु विभिन्न उपचार विकसित किए गए हैं। इनमें प्राइमिंग, पॉलिमर कोटिंग, कीटनाशी उपचार, वनस्पति आधारित उपचार तथा इन सभी का संयोजन शामिल है। बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बीज गुणों का सटीक और विश्वसनीय मूल्यांकन अत्यंत आवश्यक होता है। कई हरी खाद तथा औषधीय पौधों जैसे सिसबानिया, क्रोटोलेरिया, प्लांटेगो, विथानिया आदि के लिए बीज परीक्षण प्रोटोकॉल का मानकीकरण किया गया है। बीज की बुवाई योग्य मूल्य का अधिक सटीक मूल्यांकन करने हेतु उपयुक्त ‘वाइगर परीक्षण विधि’ तथा इसके आनुवंशिक सामर्थ्य का मूल्यांकन करने हेतु आनुवंशिक शुद्धता की सटीक जांच (विशेषकर उच्च मूल्य वाले संकरों में) की विधियों का भी मानकीकरण किया गया है, जिससे बीज की गुणवत्ता में सुधार और उत्पादन क्षमता में वृद्धि सुनिश्चित हो सके।